बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है और कोर्ट के फैसले से बिहार सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नियोजित शिक्षकों समान काम के बदले समान वेतन देने के फैसले से इनकार करते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले को भी पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिहार के नियोजित शिक्षकों को बड़ी मायूसी हाथ लगी है।

फैसले को लेकर नियोजित शिक्षकों ने लंबे समय से कोर्ट के फैसले पर निगाहें टिकाकर रखी थी और उनके कई नेता दिल्ली में इस फैसले को लेकर कैंप कर रहे थे। पहले इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था और बिहार सरकार को समान काम के बदले समान वेतन देने का निर्देश दिया था। हालांकि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

वहीं केंद्र सरकार भी नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने के लिए राशि बढ़ाने पर सहमत नहीं दिखी थी। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा था कि शिक्षकों की नियुक्ति और वेतन देना राज्य सरकार का काम है। इसमें केंद्र की कोई भ